Amritsar train accident 70 people is die
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शहर के जोड़ा बाजार में शुक्रवार शाम करीब 6:50 बजे रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे लोग दो ट्रेनों की चपेट में आ गए। हादसे में 70 लोगों की मौत हो गई। 142 जख्मी हुए हैं। रावण दहन का कार्यक्रम पटरियों के पास ही हो रहा था। वहां कोई बैरिकैडिंग नहीं थी। तेज पटाखों के शोर में ट्रेनों की आवाज दब गई और लोग हादसे का शिकार हो गए। इस घटना के बाद 13 ट्रेनें रद्द की गईं। घटना के शोक में शहर में आज स्कूल-कॉलेज और दफ्तरों की छुट्टी कर दी गई है। अमृतसर रेलवे प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 0183- 2223171 और 0183-2564485 जारी किए हैं।
दोनों ट्रेनें एक ही समय आमने-सामने से आ गईं, एक्सप्रेस ट्रेन का वीडियो सामने आया
हादसा अमृतसर-दिल्ली रेलवे रूट के ट्रैक पर हुआ। अधिकारियों और चश्मदीदों के मुताबिक, रावण दहन के दौरान एक ही समय दो ट्रेनें दो पटरियों पर आमने-सामने से आ गईं। पहली ट्रेन अमृतसर से हावड़ा जा रही हावड़ा मेल थी, जिसकी रफ्तार 85 से 90 किमी प्रति घंटा के आसपास थी। इसी ट्रेन से लोगों के कुचले जाने का वीडियो सामने आया। हादसे वाली जगह से इस ट्रेन को गुजरने में पांच सेकंड भी नहीं लगे। दूसरी ट्रेन डीएमयू थी, जिसकी रफ्तार 60 से 65 किमी के आसपास थी।
लोगों को पीछे हटने का मौका ही नहीं मिला
जब दोनों ट्रेनें जोड़ा बाजार रेल फाटक के नजदीक पहुंचीं तो रावण दहन के वीडियो बना रहे लोगों को कुछ समझने या पीछे हटने का मौका ही नहीं मिला। मरने वालों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इनमें से अधिकतर उत्तरप्रदेश-बिहार के रहने वाले थे। जिस जगह रावण दहन हो रहा था, वहां काफी कम जगह होने के कारण इतने लोगों के बैठने या खड़े होने का इंतजाम नहीं था। अमृतसर के पुलिस आयुक्त एसएस श्रीवास्तव ने बताया कि हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 70 हो गया है।
बैरिकेडिंग नहीं थी, 150 मीटर तक बिखरी लाशें
दशहरे के कार्यक्रम का आयोजन वॉर्ड नंबर 29 से महिला पार्षद विजय मदान के बेटे सौरव मदान उर्फ मिट्ठू मदान ने किया था। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम के दौरान प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की थी। रेलवे ट्रैक के आसपास बैरिकेडिंग नहीं की गई थी। ट्रेनों के आने की सूचना देने के लिए अलार्म की भी व्यवस्था नहीं थी। पटरियों से महज 200 फीट की दूरी पर पुतला जलाया जा रहा था। कार्यक्रम बिना इजाजत हो रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हादसे के बाद घटनास्थल पर 100 से 150 मीटर के दायरे में लाशें बिखर गईं।
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शहर के जोड़ा बाजार में शुक्रवार शाम करीब 6:50 बजे रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे लोग दो ट्रेनों की चपेट में आ गए। हादसे में 70 लोगों की मौत हो गई। 142 जख्मी हुए हैं। रावण दहन का कार्यक्रम पटरियों के पास ही हो रहा था। वहां कोई बैरिकैडिंग नहीं थी। तेज पटाखों के शोर में ट्रेनों की आवाज दब गई और लोग हादसे का शिकार हो गए। इस घटना के बाद 13 ट्रेनें रद्द की गईं। घटना के शोक में शहर में आज स्कूल-कॉलेज और दफ्तरों की छुट्टी कर दी गई है। अमृतसर रेलवे प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 0183- 2223171 और 0183-2564485 जारी किए हैं।
दोनों ट्रेनें एक ही समय आमने-सामने से आ गईं, एक्सप्रेस ट्रेन का वीडियो सामने आया
हादसा अमृतसर-दिल्ली रेलवे रूट के ट्रैक पर हुआ। अधिकारियों और चश्मदीदों के मुताबिक, रावण दहन के दौरान एक ही समय दो ट्रेनें दो पटरियों पर आमने-सामने से आ गईं। पहली ट्रेन अमृतसर से हावड़ा जा रही हावड़ा मेल थी, जिसकी रफ्तार 85 से 90 किमी प्रति घंटा के आसपास थी। इसी ट्रेन से लोगों के कुचले जाने का वीडियो सामने आया। हादसे वाली जगह से इस ट्रेन को गुजरने में पांच सेकंड भी नहीं लगे। दूसरी ट्रेन डीएमयू थी, जिसकी रफ्तार 60 से 65 किमी के आसपास थी।
लोगों को पीछे हटने का मौका ही नहीं मिला
जब दोनों ट्रेनें जोड़ा बाजार रेल फाटक के नजदीक पहुंचीं तो रावण दहन के वीडियो बना रहे लोगों को कुछ समझने या पीछे हटने का मौका ही नहीं मिला। मरने वालों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इनमें से अधिकतर उत्तरप्रदेश-बिहार के रहने वाले थे। जिस जगह रावण दहन हो रहा था, वहां काफी कम जगह होने के कारण इतने लोगों के बैठने या खड़े होने का इंतजाम नहीं था। अमृतसर के पुलिस आयुक्त एसएस श्रीवास्तव ने बताया कि हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 70 हो गया है।
बैरिकेडिंग नहीं थी, 150 मीटर तक बिखरी लाशें
दशहरे के कार्यक्रम का आयोजन वॉर्ड नंबर 29 से महिला पार्षद विजय मदान के बेटे सौरव मदान उर्फ मिट्ठू मदान ने किया था। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम के दौरान प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की थी। रेलवे ट्रैक के आसपास बैरिकेडिंग नहीं की गई थी। ट्रेनों के आने की सूचना देने के लिए अलार्म की भी व्यवस्था नहीं थी। पटरियों से महज 200 फीट की दूरी पर पुतला जलाया जा रहा था। कार्यक्रम बिना इजाजत हो रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हादसे के बाद घटनास्थल पर 100 से 150 मीटर के दायरे में लाशें बिखर गईं।
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Jai hind
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