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Inspiration to All world
Steve jobs ki 7th death anniversary
Mr. Steve jobs
दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक एपल (Apple) के संस्थापक स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) का शुक्रवार को 7वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है. स्टीव जॉब्स के करियर में आने वाले उतार चढ़ाव से सीख लेकर आज की युवा पीढ़ी उन्हें अपना आदर्श भी मानती है. दुनिया भर में अपने नाम का डंका बजवाने वाले स्टीव की मौत 5 अक्टूबर 2011 को पैन्क्रीऐटिक केंसर की वजह से हुई थी. चाहे यूएसबी को स्टैंडर्ड बनाने की बात हो या फिर आईपॉड के जरिए गानों को आसानी से सुनने की सहूलियत, लगभग अपने हर प्रोडक्ट के जरिए एप्पल कंपनी ने तकनीकी क्षेत्र में बदलाव करने के बेहतर विकल्पों को सुझाया है. स्टीव जॉब्स अपने तकनीकी के इस्तेमाल से आसमान की बुलंदियां हासिल की और अपने दृढ़निश्चय-नवाचार से कंप्यूटर और मोबाइल के बाजार की दिशा बदल दी. उनके करियर को लेकर कई बार डॉक्यूमेंट्री और फिल्में बनाई जा चुकी है.
स्टीव जॉब्स' (Steve Jobs) नाम की फिल्म को 'स्लमडॉग मिलेनियर' से ऑस्कर अवॉर्ड पाने वाले डायरेक्ट डैनी बॉयल ने बनाया है. यह फिल्म 5 सितंबर 2015 को रिलीज हुई थी. उन्होंने स्टीव जॉब्स के जिंदगी से जुड़े तमाम सच को दिखलाया था. इस फिल्म से दुनियाभर में लोगों को स्टीव जॉब्स के लाइफ के उतार-चढ़ाव के बारे में पता चला.
इतना ही नहीं, एलेक्स गिबनी द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'स्टीव जॉब्स: द मैन इन द मशीन' (Steve Jobs: The Man in the Machine) लोगों को खूब पसंद आई. उनकी सबसे पुरानी फिल्म साल 1999 में पायरेट्स ऑफ सिलिकॉन वैली (Pirates of Silicon Valley) बनाई गई.
दें, फिल्मों में यह दिखाया गया कि स्टीव हमेशा कुछ नया करने के बारे में सोचते थे. इसके साथ ही कन्जयूमर की सहूवियत का भी उन्होंने बखूबी ध्यान रखा. जॉब्स ने एप्पल की टीम के साथ प्लानिंग शुरू की. वो ऐसा फोन बनाना चाहते थे, जिसे खुद भी यूज कर सकें. 2002 से 2005 के बीच एप्पल नया और सीक्रेट डिवाइस बनाना चाहता था, जो टैबलेट और आईपैड जैसा हो. इसी आइडिया के साथ आईपैड को डेवलप किया गया, जिसकी वजह से आईफोन को शेप मिला.
Movie ka trailer :
Steve jobs ki full documentary :
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Steve jobs ki 7th death anniversary
Mr. Steve jobs
दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक एपल (Apple) के संस्थापक स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) का शुक्रवार को 7वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है. स्टीव जॉब्स के करियर में आने वाले उतार चढ़ाव से सीख लेकर आज की युवा पीढ़ी उन्हें अपना आदर्श भी मानती है. दुनिया भर में अपने नाम का डंका बजवाने वाले स्टीव की मौत 5 अक्टूबर 2011 को पैन्क्रीऐटिक केंसर की वजह से हुई थी. चाहे यूएसबी को स्टैंडर्ड बनाने की बात हो या फिर आईपॉड के जरिए गानों को आसानी से सुनने की सहूलियत, लगभग अपने हर प्रोडक्ट के जरिए एप्पल कंपनी ने तकनीकी क्षेत्र में बदलाव करने के बेहतर विकल्पों को सुझाया है. स्टीव जॉब्स अपने तकनीकी के इस्तेमाल से आसमान की बुलंदियां हासिल की और अपने दृढ़निश्चय-नवाचार से कंप्यूटर और मोबाइल के बाजार की दिशा बदल दी. उनके करियर को लेकर कई बार डॉक्यूमेंट्री और फिल्में बनाई जा चुकी है.
स्टीव जॉब्स' (Steve Jobs) नाम की फिल्म को 'स्लमडॉग मिलेनियर' से ऑस्कर अवॉर्ड पाने वाले डायरेक्ट डैनी बॉयल ने बनाया है. यह फिल्म 5 सितंबर 2015 को रिलीज हुई थी. उन्होंने स्टीव जॉब्स के जिंदगी से जुड़े तमाम सच को दिखलाया था. इस फिल्म से दुनियाभर में लोगों को स्टीव जॉब्स के लाइफ के उतार-चढ़ाव के बारे में पता चला.
इतना ही नहीं, एलेक्स गिबनी द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'स्टीव जॉब्स: द मैन इन द मशीन' (Steve Jobs: The Man in the Machine) लोगों को खूब पसंद आई. उनकी सबसे पुरानी फिल्म साल 1999 में पायरेट्स ऑफ सिलिकॉन वैली (Pirates of Silicon Valley) बनाई गई.
दें, फिल्मों में यह दिखाया गया कि स्टीव हमेशा कुछ नया करने के बारे में सोचते थे. इसके साथ ही कन्जयूमर की सहूवियत का भी उन्होंने बखूबी ध्यान रखा. जॉब्स ने एप्पल की टीम के साथ प्लानिंग शुरू की. वो ऐसा फोन बनाना चाहते थे, जिसे खुद भी यूज कर सकें. 2002 से 2005 के बीच एप्पल नया और सीक्रेट डिवाइस बनाना चाहता था, जो टैबलेट और आईपैड जैसा हो. इसी आइडिया के साथ आईपैड को डेवलप किया गया, जिसकी वजह से आईफोन को शेप मिला.
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Steve jobs ki full documentary :
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